अधिनायक
रघुवीर सहाय
रघुवीर सहाय का परिचय
1.
जीवनकाल : 9 दिसंबर 1929-30 दिसंबर 1990
2.
जन्मस्थान : लखनऊ, उत्तरप्रदेश
3.
पिता- हरदेव सहाय
(शिक्षक)
4.
शिक्षा : एम. ए
(अँग्रेजी), लखनऊ विश्वविद्यालय
5.
विशेष अभिरुचि :-
संगीत सुनना और फिल्म देखना
6.
वृति : पत्रकारिता
(नवजीवन, नवभारत टाइम्स के
लिए)
7.
कृतियाँ : कविता
:- सीढ़ियों पर धूप में, दूसरा सप्तक, आत्महत्या के विरुद्ध, हंसो-हंसो जल्दी हंसो, लोग भूल गए है।
8.
कहानियाँ :-
सीढ़ियों पर धूप में ,रास्ता इधर से है, जो आदमी हम बना रहे है।
9.
निबंध:- सीढ़ियों
पर धूप में, दिल्ली मेरा परदेस, लिखने का कारण, वे और नहीं होंगे जो मारे जाएंगे।
अधिनायक
कविता
राष्ट्रगीत में भला कौन वह
भारत-भाग्य विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसका
गुन हरचरना गाता है।
मखमल टमटम बल्लम तुरही
पगड़ी छत्र चंवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय-जय कौन कराता है।
पूरब पश्चिम से आते हैं
नंगे-बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा, उनके
तमगे कौन लगाता है।
कौन-कौन है वह जन-गण-मन-
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है।
पाठ का सारांश
अधिनायक शीर्षक कविता रघुवीर सहाय के काव्यसंग्रह '
आत्महत्या के विरुद्ध ' से ली गयी है । यह एक व्यंग्य कविता है । ऐसी व्यंग्य
कविता जिसमें हास्य नहीं , आजादी के बाद के सत्ताधारी वर्ग के प्रति रोषपूर्ण
कटाक्ष है । राष्ट्रीय गान में निहित - अधिनायक ' शब्द को लेकर यह व्यंग्यात्मक
कटाक्ष है जिसमें वर्तमान व्यवस्था के विरुद्ध आक्रोश फूटा है । कवि कहते हैं कि
राष्ट्रगीत में जन - गण मन अधिनायक आया है लेकिन ये अधिनायक है कौन? स्वतंत्रता
आयी , आम आदमी पिस गया और उसका स्वप्न भंग हो गया । हरचरण , जो एक आम आदमी का
प्रतीक है , वह विफल है , उसका सुथन भी फटा हुआ है । वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ता
है । राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण होता है वह भी राष्ट्रगान दुहराता है । यहाँ यह
नहीं कहा जा सकता कि जिस अधिनायक का गुणगान हो रहा है वह कौन है ये नेता सत्ताधारी
ताम - झाम , टीम - टाम , रौब दाव के साथ तोपों के बीच अपना ही गुणगान करा रहे हैं
क्योंकि इस लोकतंत्र के तो ये ही अधिनायक हैं । वह अधिनायक नंगे बूढ़े नर कंकालों
के माध्यम से उत्सव मना रहा है , मौज मार रहा है । यहाँ कहाँ है कोई जन - गण - मन
यहाँ तो महाबली अधिनायक ही है । सारी पीड़ित भीरु जनता जिसका रोज बाजा बजाती है ।
अधिनायक Objective
Questions
1.
' अधिनायक ' शीर्षक कविता के कवि
का नाम बताएँ
( A ) रघुवीर सहाय
(
B ) ज्ञानेन्द्रपति
(
C ) अशोक
वाजपेयी
(
D ) विनोद
कुमार शुक्ल
2.
कविता 'अधिनायक' में
कवि ने अधिनायक किसको कहा है ?
(
A ) विपक्षी
दल
(
B ) सरकारी
सेवक
( C ) सत्ताधारी वर्ग
(
D ) इनमें
से कोई नहीं
3.
' अधिनायक ' शीर्षक
कविता किस तरह की कविता है?
(
A ) हास्य
प्रधान
( B ) व्यंग्य प्रधान
(
C ) रोमांस
प्रधान
(
D ) वीर
रस प्रधान
4.
' अधिनायक ' शीर्षक
कविता किस पर व्यंग्य है ?
( A ) समकालीन राजनीति पर
(
B ) समकालीन व्यवस्था पर
(
C ) सरकारी
तंत्र पर
(
D ) इनमें
से कोई नहीं
5.
रघुवीर सहाय का जन्म
कब हुआ था?
( A) 1929
(
B) 1930
(
C ) 1927
( D) 1928
6.
रघुवीर सहाय का
जन्मस्थान कहाँ था?
(
A) आगरा
(
B) मेरठ
( C) लखनऊ
(
D) प्रयाग
7.
रघुवीर सहाय ने किस
विषय से एम. ए. किया था?
(
A) हिन्दी
( B) अंग्रेजी
(
C) इतिहास
(
D) भूगोल
8.
' पूरब पश्चिम से
आते हैं नंगे बूचे नर - कंकाल , सिंहासन पर बैठा , उनके तमगे कौन लगाता है । ' ये
पंक्ति किनके द्वारा लिखी गई है?
(
A) ज्ञानेन्द्रपति
(B
) अशोक
वाजपेयी
( C ) रघुवीर सहाय
(
D ) विनोद
कुमार शुक्ल
9.
समकालीन कविता की
वाचनाएँ किस कविता केन्द्र की स्थापना , रघुवीर सहाय ने की थी ?
( A) कामुदी
(
B) यायावर
(
C) नचिकेता
(
D) जूही
10. रघुवीर सहाय को उनकी किस कृति पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ था?
( A) लोग भूल गए
(
B) सीढ़ियों पर धूप में
(
C) आत्महत्या के विरुद्ध
(
D) इत्यलम्
11. ' अधिनायक ' शीर्षक कविता किस पुस्तक से ली गयी है ?
( A ) आत्महत्या के विरुद्ध
(
B ) हँसो
हँसो जल्दी हँसो
(
C ) सीढ़ियों
पर धूप
(
D ) लोग
भूल गए हैं ।
12. रघुवीर सहाय किस काल के कवि है ?
( A ) आधुनिक काल
(
B ) रीतिकाल
(
C ) आदिकाल
(
D ) छायावाद
13. किन-किन पत्रों के मार्फत् रघुवीर सहाय ने पत्रकारिता की ?
(
A ) नवजीवन ( लखनऊ )
(
B ) समाचार
विभाग
,
आकाशवाणी ( नई दिल्ली )
(
C
) नवभारत
टाइम्स ' ( नई दिल्ली ) , ' दिनमान'
( D ) उपर्युक्त सभी
14. कवि रघुवीर सहाय के पिता का क्या नाम था ?
( A ) हरदेव सहाय ( एक शिक्षक )
(
B ) हरहरदेव
सहाय ( एक जज )
(
C ) हरेराम
सहाय ( एक वकील )
(
D ) रामहरे
सहाय ( एक पत्रकार )
15. कवि रघुवीर सहाय का निधन कब हुआ था?
(
A ) 28 दिसम्बर
, 1988
(
B ) 29 दिसम्बर
, 1989
( C ) 30 दिसम्बर , 1990
(
D ) 31 दिसम्बर
, 1991
अधिनायक Question Answer
1. हरचरना कौन है ? उसकी क्या पहचान है ?
उत्तर - कविता ' अधिनायक ' में हरचरना एक आम आदमी है जिसकी
स्थिति स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बड़ी दयनीय हो गयी है । वह फटा सुथन पहने
राष्ट्रीय गान गा रहा है । उसकी इस दुरावस्था का उत्तरदायी वही अधिनायक है जिसने
ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न कर दी हैं कि आज हरचरना जैसा आम आदमी फटे हाल है , उसकी
क्या स्थिति हो सकती है यह अनुमान का ही विषय है ।
2. अधिनायक कौन है ? उसकी क्या पहचान है ?
उत्तर - यह अधिनायक सत्ताधारी वर्ग को माना गया है । उसकी
पहचान भी बतायी गयी है - वह मखमल पहनता है , पगड़ी छत्र धारण करता है , उसके सिर
पर चंवर डुलाया जाता है , वह तोप छुड़वाकर , ढोल बजवाकर अपनी जय - जयकार कराता है
और निरीह जन को करना ही पड़ता है यह बात भी सही है , उसके कारण ही आज जनता की यह
हालत हो गयी है , फिर भी वह उसका सम्मान करेगी ही , वह विवश है ।
3. ' जय - जय कराना ' का क्या अर्थ है ?
उत्तर- प्रत्येक व्यक्ति यही चाहता है कि उसका गुणगान हो ,
उसका जय - जयकार हो । व्यक्ति अपनी
प्रतिष्ठा चाहता है , प्रशंसा चाहता है , उसकी सबसे बड़ी लालसा यही होती है , उसकी
जय - जयकार हो पर उसके कर्म इतने उत्कृष्ट नहीं होते कि लोग उसकी जय - जयकार करें
, तब वह उन्हें प्रेरित करता है और विवश भी कर देता है कि उसका जयगान गाया जाय
उसका जय - जयकार किया जाय।
4. ' डरा हुआ मन बेमन ' जिसका - ' बाजा रोज बजाता है
' यहाँ बेमन ' का क्या अर्थ है?
उत्तर - सत्ताधारी अधिनायक यही चाहता है कि सारी जनता उसका
गुणगान करे , उसके गीत गाये पर यह सम्भव नहीं क्योंकि मन उसी के गीत गाता है जो
प्रिय होता है या महान होता है पर आज की स्थितियों से सत्ताधारी वर्ग के गीत जनता
को गाने ही पड़ते हैं , हम कायर हैं निर्बोध हैं पर ये गीत मन से नहीं गाये जा
सकते हैं , तो बेमन से ही गाये जा सकते हैं क्योंकि यह गीत दबाव अथवा भय के कारण
ही गाये जाते हैं , अत : डरा हुआ बेमन ही उसकी प्रशंसा करता है ।
5. हरचरना अधिनायक के गुण क्यों गाता है ? उसके डर
के क्या कारण हैं ?
उत्तर - सत्ता शक्ति - सम्पन्न होती है उसके पास शोषण ,
उत्पीड़न , अन्याय का विलक्षण हथियार होता है वह उसका कहीं भी , कभी भी प्रयोग कर
सकती है । उसकी रोक किसी के भी पास नहीं है । दूसरा रूप है , उसकी असीमित शक्तियाँ
, जो किसी को भी बना सकती हैं , किसी को भी बिगाड़ सकती हैं । एक ओर भय भी है ,
दूसरी ओर लालच - शायद खुशामद से कुछ प्राप्त हो सके , यही स्थिति व्यक्ति को यह
प्रेरणा देती है कि वह अधिनायक के गुणगान करे , उसके डर का कारण भी स्पष्ट है सारी
सत्ता पक्ष कुपित हो गया तो उसका सर्वनाश भी निश्चित है और आज यह सब हो भी रहा है
, अत : डरना भी स्वाभाविक है ।
6. ' बाजा बजाना ' का क्या अर्थ है ?
उत्तर - उसका सीधा - सा अर्थ है सत्ताधारी का गुणगान करना
और उसकी हाँ में हाँ मिलाना , उसके प्रति बिना शर्त पूर्ण समर्पण ।
7. कौन - कौन है वह जन - गण - मन - अधिनायक वह
महाबली ' - कवि यहाँ किसकी पहचान कराना चाहता है ?
उत्तर- यहाँ ' कौन - कौन ' व्यंग्यात्मक प्रयोग है ,
अर्थात् कौन नहीं है । आज की व्यवस्था , सत्तापक्ष इतना भ्रष्ट हो चुका है कि वहाँ
ढूँढ़ने से भी एक भी पूरा आदमी नहीं मिल सकता । सब महाबली हैं , किसी पर कोई अंकुश
नहीं है , सब व्यवस्था भंग कर चुके हैं यहाँ एक भी व्यक्ति समूचा नहीं मिल सकता ,
अर्थात् यहाँ कौन नहीं है । महाबली , आज का जन - गण - मन - अधिनायकहै । - .
8. व्याख्या करें:
पूरब पश्चिम से आते हैं नंगे बूचे नर - कंकाल ,
सिंहासन पर बैठा , उनके तमगे कौन लगाता है।
उत्तर - प्रस्तुत पंक्तियाँ रघुवीर सहाय की कविता ' अधिनायक
' से से लिया गया हैं । कवि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट करते हुए कहता है कि यहाँ
चारों ओर भूखों की चीत्कार सुनायी पड़ रही है , वे नंगे हैं , वस्त्रहीन हैं तो
दूसरी ओर वे अधिनायक हैं जो सत्ता पर कुंडली मारे पसरे हैं और उसका रस पीकर मोटे
तोंदों वाले होते जा रहे हैं , इतना वैभव कि घर में समाता भी नहीं , फिर भी वे
शोषक हैं पता नहीं कितना चूसेंगे । वह जो सिंहासन पर बैठा है , वही गरीब जनता को
तमगे बाँट रहा है ।

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