बहुत देर तक बैठे रहने के बाद पैरों में झनझनाहट-सी होने लगती है। ऐसा लगता है मानो पैर है ही नहीं। जिसको हम पैर सोना भी कहते हैं। साइंस के मुताबिक हाथ या पैर का सोना आम बात है।
दरअसल सोते समय सिर के नीचे बांह पर भार या दबाव पड़ने से या बहुत देर तक पैरों को क्रॉस कर बैठे रहने से कुछ नसें दब जाती हैं। जिनके चलते हाथ या पैरों की नसों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। अब ऑक्सीजन के अभाव में वो बॉडी पार्ट खुद को बचाने की जुगत में लगाता है। सबसे खास बात यह कि उस दौरान वो अंग सिर्फ बेहद ही जरूरी काम करते हैं। यहां से हमारा दिमाग एक्शन में आता है। दिमाग को जैसे ही यह पता चलता है कि कोई बॉडी पार्ट हाथ-पैर या जो भी मुश्किल में है, दिमाग झनझनाहट के सिग्नल भेजना शुरू करता है। हमें मजबूर करता है कि हम अपनी जगह से उठकर थोड़ा चलना-फिरना शुरू करें। इससे शरीर के उस हिस्से को जरूरी ऑक्सीजन मिल जाए, और वो हिस्सा नॉर्मल हो जाए।
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वैसे तो हाथ या पैरों में झुनझुनी एक आम बात है।
लेकिन अगर हाथ-पैर दिन में कई बार झुनझुनी आने लगे या फिर झनझनाहट खत्म होने में
बहुत ही ज्यादा देर लग रही हो तो डॉक्टर के पास जाएं। क्योंकि एक ये गंभीर बीमारी
के लक्षण भी हो सकते है|

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