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प्यारे नन्हें बेटे को // Bihar Board Class 12th Hindi

 

प्यारे नन्हें बेटे को

विनोद कुमार शुक्ल

परिचय

1.        जन्म : 1 जनवरी 1937

2.        जन्मस्थान : राजनांदगाँव (छतीसगढ़)

3.        वृति : इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में एसोशिएट प्रोफेसर



4.        सम्मान : रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार (1992), दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान(1997), साहित्य अकादमी पुरस्कार (1999)

5.        कृतियाँ : लगभग जयहिंद (प्रथम कविता संग्रह), वह आदमी नया गरम कोट पहनकर चला गया विचार की तरह (1981), सबकुछ होना बचा रहेगा (1992), अतिरिक्त नहीं (2001), नौकर का कमीज, पेड़ पर कमरा

प्यारे नन्हें बेटे को कविता

प्यारे नन्हें बेटे को
कंधे पर बैठा
'मैं दादा से बड़ा हो गया'
सुनना यह

प्यारी बिटिया से पूछेंगा-
'बतलाओ आसपास
कहाँ-कहाँ लोहा है'
'चिमटा, करकुल, सिगड़ी
समसी, दरवाजे की साँकल, कब्जे
खीला दरवाजे में धँसा हुआ'
वह बोलेगी झटपट

रुककर वह फिर याद करेगी            
'एक तार लोहे का लंबा
लकड़ी के दो खंबों पर
तना बँधा हुआ बाहर
सूख रही जिस पर
भय्या की गीली चड्डी !
फिर-एक सैफ्टी पिन, साइकिल पूरी

आसपास वह ध्यान करेगी
सोचेगी
दुबली पतली पर
हरकत में तेजी कि
कितनी जल्दी
जान जाए वह
आसपास कहाँ-कहाँ लोहा है।

मै याद दिलाऊँगा
जैसे सिखलाऊँगा बिटिया को
'फावड़ा, कुदाली,
टँगिया, बसुला, खुरपी
पास खड़ी बैलगाड़ी के
चक्के का पट्टा,
बैलों के गले में
काँसे की घंटी के अंदर
लोहे की गोली '

पत्नी याद दिलाएगी
जैसे समझाएगी बिटिया को
'बाल्टी, सामने कुएँ में लगी लोहे की घिरीं,
छत्ते की काड़ी-डंडी और घमेला,
हँसिया, चाकू और
भिलाई बलाडिला
जगह जगह लोहे के टीले '

इसी तरह
घर भर मिलकर
धीरे धीरे सोच सोचकर
एक साथ ढूँढ़ेंगे
कहाँ-कहाँ लोहा है-
इस घटना से
उस घटना तक
कि हर वो आदमी
जो मेहनतकश
लोहा है

हर वो औरत
दबी सतायी
बोझ उठाने वाली
, लोहा !
जल्दी जल्दी मेरे कंधे से
ऊँचा हो लड़का
लड़की का हो दूल्हा प्यारा
उस घटना तक
कि हर वो आदमी
जो मेहनतकश
लोहा है
हर वो औरत
दबी सतायी
बोझ उठाने वाली
, लोहा ।

 

प्यारे नन्हें बेटे को पाठ का सारांश

विनोद कुमार शुक्ल समकालीन कवि हैं । विनोद कुमार शुक्ल की कविता ' प्यारे नन्हें बेटे को ' वार्तालाप शैली में लिखी गयी है । इस कविता में कवि कहता है लोहा कर्म का प्रतीक है । इसे हर वस्तु में तलाशना होगा । वह प्यारी बिटिया से पूछता है कि बताओ आस - पास कहाँ - कहाँ लोहा है । चिमटा , करकल , सिगड़ी, दरवाजे की साँकल , कब्जे में बिटिया बताती है । रुक - रुककर फिर याद कर बताती है लकड़ी के दो खम्भों पर वह एक सैफ्टी पिन , पूरी साइकिल में लोहा के प्रति आग्रह इतना क्यों ? कवि बताता है कि लोहा कर्म का प्रतीक है । वह जहाँ भी रहता है अपनी मजबूती के साथ रहता है । उसका शोषण कोई नहीं कर सकता । कवि पुत्री को याद दिलाता है कि फावड़ा , कुदाली , हँसिया , चाकू , खुरपी , बसुला सभी में लोहा है । कवि को पुत्री के अलावे भी याद दिलाती है कि बाल्टी , सामने कुएँ में लगी लोहे की घिरीं , छत्ते की डंडी में लोहा है । वह समाज के निम्न वर्ग के मजदूर को समाज का लोहा मानता है जिसके बल पर समाज मजबूती से खड़ा है परन्तु वह मजदूर शोषित है । 

प्यारे नन्हें बेटे को Objective Question

1.      विनोद कुमार शुक्ला का जन्म कब हुआ था ? 
(a) जनवरी 1937
(b) जनवरी 1936 
(c) मार्च 1937
(d) फरवरी 1936 

2.      " प्यारे नन्हें बेटे को कविता किस शैली में लिखी गयी
(a) व्यंग्यात्मक शैली
(b) वार्तालाप शैली 
(c) प्रतीकात्मक शैली 
(d) इनमें से कोई नहीं

3.      विनोद कुमार शुक्ल किस धारा के कहानीकार हैं ? 
(a) नई कहानी
(b) समान्तर कहानी 
(c) समकालीन कहानी
(d) अकहानी

4.      ' प्यारे नन्हें बेटे को ' कविता में लोहा किसका प्रतीक है? 
(a) चेतना क
(b) शांति का 
(c) कर्म का 
(d) मजबूरी का  

5.      विनोद कुमार शुक्ल को 1999 में कौन-सा पुरस्कार दिया गया ? 
(a) साहित्य अकादमी
(b) दादा साहब फाल्के 
(c) साहित्य मनीषी
(d) रांगेय राघव स्मृति पुरस्कार

6.      किस कविता की पंक्तियाँ हैं- ' कि हर वो आदमी / जो मेहनतकश / लोहा है / हर वो औरत / दबी सताई / बोझ उठानेवाली , लाहो ' । 
(a)अधिनायक
(b) प्यारे नन्हें बेटे को 
(c) पुत्र – वियोग
(d) कवित्त'

7.      ' प्यारे नन्हें बेटे को ' कविता किस संग्रह से ली गयी है ?
(a) 'वह आदमी नया गरम कोट पहनकर चला गया विचार की तरह 
(b) ' सब कुछ होना बचा रहेगा ' 
(c) ' अतिरिक्त नहीं 
(d) इनमें से कोई नहीं

8.      कवि विनोद कुमार शुक्ल के कविता-संग्रह का नाम बताएँ 
(a)लगभग जयहिंद
(b)वह आदमी नया गरम कोट, हनकर चला गया विचार की तरह 
(c)सब कुछ होना बचा , रहेग
(d) इनमें से सभी

9.      कवि विनोद कुमार शुक्ल को कौन - सा सम्मान मिला था ? 
(a) रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार ( 1992 ) 
(b) दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान ( 1997 ) 
(c) साहित्य अकादमी पुरस्कार ( 1999 ) 
(d) उपर्युक्त सभी

10.  विनोद कुमार शुक्ल का पहला कविता संग्रह कौन सा है? 
(a) वह आदमी नया गरम कोट पहनकर चला गया विचार की तरह 
(b) सबकुछ होना बचा रहेगा 
(c) अतिरिक्त नहीं 
(d) लगभग जयहिंद

11.  विनोद कुमार शुक्ल किस विश्वविद्यालय में एसोशिएट प्रोफेसर रहे हैं? 
(a) राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय 
(b) चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय 
(c) इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय 
(d) नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय

12.  ' दीवार में एक खिड़की रहती थी' के रचनाकार हैं 
(a) विनोद कुमार शुक्ल
(b) मोहन राकेश 
(c) ज्ञानरंजन
(d) कमलेश्वर

13.  ' प्यारे नन्हें बेटे को ' के रचयिता हैं 
(a) नीरज
(b) बच्चन 
(c) विनोद कुमार शुक्ल
(d) अशोक वाजपेयी

14.  कवि विनोद कुमार शुक्ल का जन्म कहाँ हुआ था ? 
(a) इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश 
(b) इटारसी, मध्यप्रदेश 
(c) राजनादगाँव, छत्तीसगढ़ 
(d) लमही, उत्तर प.

प्यारे नन्हें बेटे को Question answer

1.      'बिटिया' से क्या सवाल किया गया है ? 
उत्तर - उससे कहा गया , बताओ आस - पास , कहाँ - कहाँ लोहा है ।

2.      'बिटिया' कहाँ - कहाँ लोहा पहचान पाती है ? 
उत्तर - उसने बताया - चिमटा , करछुल , सिगड़ी , सडसी , दरवाजे की सांकल , कब्जे, । इतना कहकर वह फिर बताती है - यह लोहा उस तार में भी है , जिस पर भैय्या कपडे सुख रहे  है तथा सेफ्टी पिन में , साइकिल की धुरी में भी है ।

3.      कवि लोहे की पहचान किस रूप में कराते हैं ? यही पहचान उनकी पत्नी किस रूप में कराती हैं? 
उत्तर - कवि के अनुसार लोहा - फावड़ा , कुदाली , टंगिया , बसूला , खुरपी , बैलगाड़ी के चक्के का पट्टा, बैल के गले की काँस की घंटी के भीतर , लोहे की गोलियों में है । ये सारे लोहे के उपकरण कर्म के प्रतीक हैं, कर्म में उपयोगी हैं उसका आधार पर ही हमारा जीवन चलता है । उसकी पत्नी भी लोहे की पहचान कराती है , उसके अनुसार - बाल्टी , कुएँ की लोहे की घिरीं, चाकू और भिलाई आदि। 

4.      लोहा क्या है ? इसकी खोज क्यों की जा रही है ? 
उत्तर - लोहा कर्म का प्रतीक है , यही कारण है , यह वहीं है जहाँ आदमी मेहनत करता है , निर्माण करता है । गरीब मजदूर , शोषित के जीवन के आधार हैं , उसका हथियार है । इसकी खोज का आधार है व्यक्ति कर्म में लगा रहे । शोषित भी pलोहा प्रयोग करता है , शोषक भी उसका प्रयोग करता है । कुल मिलाकर हर आदमी जो मेहनतकश है वह स्वयं लोहा है और हर औरत जो दबी - सतायी है वह भी लोहा है ।

5.      'इस घटना से उस घटना तक ' यहाँ किन घटनाओं की चर्चा है? 
उत्तर - इस घटना का घर गृहस्थी से तथा उस घटना का व्यवसाय से तात्पर्य है , साथ ही लोहा संघर्ष का भी प्रतीक है ।

6.      अर्थ स्पष्ट करें-
कि हर वो आदमी जो मेहनतकश लोहा है हर वो औरत दबी सताई बोझ उठाने वाली , लोहा ।
उत्तर - प्रस्तुत पंक्तियाँ विनोद कुमार शुक्ल की कविता ' प्यारे नन्हें बेटे को ' से लिया गया हैं । कवि यहाँ यह संकेत कर रहा है - हर वह व्यक्ति जो श्रमिक है लोहा ही है । लोहा श्रम का प्रतीक है , संघर्ष का प्रतीक है । अतः जो व्यक्ति मेहनतकश है , श्रमिक है , मजदूर है , वह लोहा ही है , लोहा वह स्वयं भी है लोहे पर उसका जीवन भी आधारित है । यही स्थिति उस स्त्री की भी है जो सतायी हुई है, दबी हुई है, बोझा उठाती है । अगर वह लोहा न होती तो अत्याचार सहकर और बोझ उठाने से मर न गयी होती । 

 

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